Agricultural Education – कृषि शिक्षा
(Agricultural Education) Agriculture is an important subject. Often the student starts thinking about the different crops grown in the fields as soon as the name of agriculture comes. He gives the name of agriculture without hesitation, but the student considers only crops like wheat, rice, sugarcane, jowar, millet etc. as agriculture.
Many times the student tells about the cereal crops on asking agriculture. Agriculture does not consider fodder crops. In this way the student enumerates the different forms of agriculture. But the concept of agriculture cannot be explained clearly. In fact, agriculture is a deep concept. It is very important to understand its different forms. (Agricultural Education)
कृषि एक महत्त्वपूर्ण विषय है। प्रायः छात्र कृषि का नाम आते ही खेतों में पैदा होने वाली विभिन्न फसलों के विषय में सोचने लगता है। इन्हें निःसंकोच कृषि का नाम देता है, परन्तु छात्र केवल गेहूँ, चावल, गन्ना, ज्वार, बाजरा इत्यादि फसलों को ही कृषि समझता है।
कई बार छात्र कृषि पूछने पर अनाज फसलों को ही बतलाता है। चारे वाली फसलों को कृषि नहीं समझता है। इस प्रकार छात्र कृषि के विभिन्न स्वरूपों को गिना तो देता है। परन्तु कृषि की संकल्पना को साफ-साफ नहीं बता सकता। वास्तव में कृषि एक गहरी संकल्पना है। जिसके विभिन्न स्वरूपों को समझना नितान्त आवश्यक है। (Agricultural Education)
उद्देश्य : (Agricultural Education)
यह आशा की जाती है कि उपर्युक्त कृषि की संकल्पना को समझाने के बाद छात्र सक्षम होगा कि वह :
1 . कृषि के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकेगा।
2 कृषि के विभिन्न स्वरूपों के बारे में जान सकेगा।
3 कृषि फसलों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेगा।
4 कृषि फसलों के बोने काटने के समय की जानकारी प्राप्त कर सकेगा।
5 भारत में पैदा होने वाली फसलों के विषय में जान सकेगा।
क्रियाकलाप :
छात्रों को विद्यालय से खेतों में ले जाएँ और उन्हें चारों तरफ देखने को कहें। तत्पश्चात निम्नलिखित प्रश्न उनसे पूछे जाएँ:
1 आपको अपने चारों तरफ क्या दिखाई दे रहा है?
2 आप कौन-कौन सी फसल के नाम जानते हैं?
3 ये फसल किस प्रकार की है?
4 रबी की फसल (आसाढ़ी) में कौन सी फसलें आती है?
5 खरीफ की फसल (सावनी फसल) में कौन सी फसलें आती है?
6 रबी की फसल कब बोई जाती है?
7 खरीफ की फसल कब बोई जाती है?
विचारणीय बिन्दु :
1 रबी की फसल
2 खरीफ की फसल
उपर्युक्त बिन्दुओं के द्वारा छात्र परिचित हो जाएँगे कि रबी की फसल सर्दी के आरम्भ में अक्टूबर नवम्बर में बोई जाती हैं तथा गर्मी के आरम्भ में मार्च-अप्रैल में काट ली जाती हैं। इस फसल को ‘आसाढ़ी फसल’ भी कहते हैं। गेहूँ, जौ, चना, सरसों, अलसी, तोरिया आदि रबी की मुख्य फसलें हैं।
खरीफ की फसल वर्षा ऋतु के आरम्भ में जून-जुलाई में बोई जाती हैं और सर्दी की शुरुआत में सितम्बर अक्टूबर में काटी जाती है। इस फसल को ‘सावनी फसल भी कहते हैं। धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, कपास, तिल, मूँगफली, दालें आदि खरीफ की मुख्य फसलें हैं। (Agricultural Education)
क्रियाकलाप :
छात्रों को जुलाई/अगस्त के महीने में चावल उत्पादक खेतों के पास ले जाएँ। उन्हें चावल के खेत देखकर क्या अनुभव होता है। इस पर चर्चा की जाए। छात्रों को प्रायः ऐसा अनुभव होगा कि शरीर में पसीना आ रहा है, चावल के खेतों में पानी भरा हुआ है। कुछ मजदूर पैरों से खेतों में गाद उठा रहे हैं। कहीं-कहीं मशीनों द्वारा कीटनाशकों का छिड़काव हो रहा है।
विचारणीय बिन्दु :
1 तापमान
2 वर्षा
3 मिट्टी
4 श्रमिक
5 उत्पाद
छात्रों के साथ चर्चा करें कि आप घर में खीर खाते हैं वो किस किस चीज से बनती है? छात्र जवाब देंगे कि चावल व दूध से बनती है। प्यारे बच्चो, आज हम चावल की फसल पर चर्चा करेंगे।
चावल भारत की प्रमुख खाद्य फसल है। देश की आधी से अधिक जनसंख्या का भोजन चावल है। इसके लिए उच्च तापमान, अधिक वर्षा व अत्यधिक श्रम की आवश्यकता होती है। इसके लिए चिकनी दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। चावल के उत्पादन में चीन का प्रथम तथा भारत का दूसरा स्थान है। भारत में पश्चिमी बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, आन्ध्र प्रदेश, पंजाब तथा हरियाणा मुख्य चावल उत्पादक राज्य हैं। हरियाणा में मुख्य रूप से कुरुक्षेत्र, करनाल, सोनीपत, अम्बाला आदि जिलों में चावल की खेती की जाती है।(Agricultural Education)
बच्चों को भारत / हरियाणा के मानचित्र दिखाकर उनसे चावल उत्पादक राज्यों एवं जिलों के नाम लिखने को कहें। इसी प्रकार से नवम्बर/दिसम्बर के महीने में गेहूँ की कृषि दिखाकर उसे समझाएँ । जो फसलें, छात्रों के विद्यालय से दूरस्थ क्षेत्रों में पैदा होती हैं, उनके चित्र दिखलाकर फसलों के बारे अवगत कराएँ ।
छात्र मूल्यांकन हेतु निम्नलिखित प्रश्न पूछे जाए
1 चावल की फसल कब बोई जाती है?
2 चावल की फसल के लिए कितने तापमान की आवश्यकता होती है?
3 चावल की फसल के लिए किस प्रकार की मिट्टी उपयुक्त होती है?
4 चावल की फसल का उत्पादन कौन-कौन से राज्यों में होता है?
5 हरियाणा में चावल पैदा करने वाले जिले कौन से हैं?
बच्चों को विद्यालय के निकट किसी डेयरी अथवा गाँव में चरागाह भूमि या शाम के समय तालाब पर ले जाएँ। फिर उनको विभिन्न पशुओं को देखने के लिए कहें। उन्हें अनुभव होगा कि कुछ पशु काले रंग के हैं, कुछ सफेद रंग के हैं। कुछ दूध देने वाले हैं। तो कुछ ऊन देने वाले हैं। कुछ माँस या अण्डों के लिए पाले जाते हैं। कहीं गोबर पड़ा हुआ है। इस प्रकार बच्चों को बहुत चीजों का अनुभव होगा।
विचारणीय बिन्दु : 1 पशु 2 पालतु पशु 3 बोझा ढोने वाले पशु 4 माँस देने वाले पशु 5 ऊन देने वाले पशु 6 पानी में रहने वाले मछलियाँ इत्यादि ।
उपर्युक्त बिन्दुओं पर विद्यार्थियों से चर्चा करेंगे कि भारत में कृषि व पशुपालन का विशेष महत्त्व है। जब से मनुष्य ने अन्न पैदा करना आरम्भ किया, तभी से पशुपालन की शुरुआत हुई। इनसे मनुष्य को दूध, खाल, ऊन व मौंस मिलने लगा। पशु हमारी खेती-बाड़ी में सहायता तो करते ही हैं। वे बोझा ढोने, सवारी करने आदि के काम भी आते हैं। कुत्ता मुनष्य का सबसे वफादार मित्र है।
रेगिस्तान में ऊँट मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी है। अपने गद्देदार पैरों के कारण रेगिस्तान में आसानी से चल सकता है। पर्वतों पर खच्चर व याक बहुत ही उपयोगी हैं। घने जंगलों में हाथी बड़े ही उपयोगी हैं। बैल खेत जोतने के काम आते हैं। कुछ पशुओं की खाल से विभिन्न प्रकार के चमड़े का सामान बनता है। गाय, भैंस, बकरियों द्वारा हमें दूध मिलता है। भेड़ व ऊँटों से हमें ऊन मिलती है। कई लोग मुर्गी, बकरा, भेड़ आदि का माँस खाते हैं। मुर्गी व बत्तखों के अण्डे भी खाए जाते हैं। (Agricultural Education)
मूल्याकन :
1 पशु हमारे क्या-क्या काम आते हैं?
2 श्वेत क्रान्ति क्या है?
3 ऊँट हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी हैं?
4 दूध देने वाले पशु कौन-कौन से हैं?
5 पालतु पशु कौन से हैं?
6 अण्डे देने वाले जीव कौन से हैं?
अन्त में बच्चों से पशुओं की एक लिस्ट बनवाकर उनसे प्राप्त वस्तुएँ लिखवाएँ तथा उनके चित्र एकत्रित कराएँ ।